बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत ए व भारत बी के बीच दुलीप ट्रॉफी का मैच खेला जा रहा है। इस मैच के चलते कुछ ऐसा हुआ जिससे सभी दर्शकों की आँखे खुली की खुली रह गयीं। इस मैच में एक ऐसा रिकॉर्ड बना है जिसने 14 वर्ष पहले बने भारतीय बल्लेबाजों के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।
इस मैच में भारत ए ने बल्लेबाजी करते हुए विकेट पर काफी दिक्कतों का सामना किया। उनके बल्लेबाज कुछ ख़ास कमाल करते नजर नहीं आये। भारत ए ने मैच के पहले कुछ मिनटों में 33 रनों की साझेदारी बनाई। लेकिन लंच टाइम के बाद भारत ए के लिए विकेट गिरने का सिलसिला उनके सर का दर्द बनता नजर आया। लगातार विकेट गिरने की वजह से भारत ए 43.5 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर मात्र 94 रन ही बना सकी। लेकिन उसके बाद जो हुआ वो काफी दिलचस्प था।
भारत ए के 19 वर्षीय दाएं हाथ के बल्लेबाज मुशीर खान अभी भी क्रीज़ पर मौजूद थे। मुशीर खान एक बहुत ही उम्दा बल्लेबाज हैं। लेकिन सातवें विकेट के बाद उन्हें भी एक साथी की तलाश थी जो उनके साथ आठवें विकेट के लिए कुछ देर टिक सके और भारत ए को एक अच्छे स्कोर तक पहुंचाया जा सके। कोई भी बल्लेबाज खेलने के लिए न बचा होने की वजह से नवदीप सैनी क्रीज़ पर आये, जो की एक तेज गेंदबाज हैं।
मुशीर खान और नवदीप सैनी ने तोड़ा 14 वर्ष पुराना रिकॉर्ड –
इस साझेदारी के शुरूआती कुछ समय तक ज्यादातर गेंदे मुशीर खान ने ही खेलीं। बहुत ही काम गेंदें नवदीप सैनी के हिस्से में आयीं। परन्तु वो दोनों दिन का खेल ख़त्म होने तक क्रीज़ पर मौजूद रहे। अगले दिन के खेल शुरू होने पर मुशीर खान कुछ अलग ही रंग में नजर आये। वे गेंदबाजों को ग्राउंड में चारों तरफ खूब नचाते दिखे। उनका साथ नवदीप सैनी ने भी बखूबी निभाया। उन्हें भी अपने बल्ले से कमाल करने में कुछ ख़ासा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा था। उन्हें देख कर ऐसा लगा मानो कोई अनुभवी बल्लेबाज क्रीज़ पर गेंदबाजों से लोहा लेने को डटा खड़ा हो।
मुशीर खान ने 48 के स्ट्राइक रेट से 373 गेंदों पर 181 रनों की एक उम्दा पारी खेली। वही दूसरी ओर नवदीप सैनी ने 144 गेंदों पर 56 रन बनाये। और अपनी इन्ही उम्दा पारियों की वजह से दोनों बल्लेबाजों ने पूर्व भारतीय खिलाडी व वर्तमान कोच रमेश पवार और अभिषेक नायर के वर्ष 2010 के आठवें इसके के लिए 197 रनों के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। मुशीर खान और नवदीप सैनी की साझेदारी 204 रनों पर मुशीर के विकेट गिरने के साथ समाप्त हुई। इस शानदार साझेदारी की मदद से भारत ए को पहली पारी में 321 रन का स्कोर खड़ा करने में बहुत मदद मिली, जोकि एक समय पर 94/7 की वजह से नामुमकिन था।